Basic Concepts of Banking: The process of accepting and safeguarding money owned by individuals and entities, and then lending out this money to borrowers to earn profits is the business activities of a Bank. The establishment of the Bank in the market is to make a profit. Individuals, Companies and the Government establishment to deposit their money into various banks. Further, Bank is providing money to borrowers in the form of a loan, overdraft, etc.
When money is deposited in the Banks by the Savers (Individuals and Entities) for savings, then Interest earned on this deposit given by the Bank as their profits.
On the other hand, when money is provided to Borrower in the form of a loan, overdraft, etc. by the bank, then the borrowers have to repay same with Principal and Interest However, there is a remarkable difference between Interest paid by the borrowers to the bank and Interest paid by the bank to the Savers (Individuals and entities). The Interest paid by borrowers is much greater than the Interest paid to the Savers (Individuals and entities) by the bank. This is the way by which bank in the market earn profits.
The functions of bank are broadly classified into two groups
- Primary Functions
- Secondary Functions
Basic Concepts of Banking Primary Functions
The Primary functions of Bank are-
Accepting Deposits of Money through opening of Accounts like Saving Account, Current Account, Fixed Deposit Account (STDR and TDR) and Recurring Deposit etc
and
Granting Loans and Advances in the form of Cash Credit, Bank Overdraft, Loans, Discounting Bills etc.
Secondary Functions
The Secondary Functions of the Bank are
Agency Functions which includes Fund Transfer, Cheque Collection, Periodic Payment/Collection, Portfolio Functions, Miscellaneous functions
and
Utility Functions which include Issue of Drafts, Letter of Credit, Locker Facility, Underwriting of shares, Dealing Foreign Exchange, Project Reports, Social Welfare Programme as instructed by Reserve Bank of India or Government of India.
Saving Account
The main objective to open a saving account is to develop habits of savings among the Individuals. It has no restriction on the number and amount of deposits. However, withdrawals are subject to specific regulation, and no loan facility is provided against saving account.
Another particular type of saving bank account is No Frills Account which in introduced for any individual working in unorganized sectors. It is exempted from many kinds of charges and no facilities like Cheque Book; Credit Card etc. is provided. It is also known as FI Account (Financial Inclusion – Opening of Accounts at Kiosk Outlets). It can be opened in any allotted Customer Service Point (CSP) across the country run by KIOSK Operator. Such No Frill Accounts are also known as Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana Account (PMJDY)
Current Account
This account has maximum liquidity. There is no limit of transaction related to Deposit and Withdrawal. However, penalty charge imposed on such account if minimum balance is not maintained. In addition to this, Bank does not pay Interest Current Account charge an annual fee for such performance. This specially designed for Business Persons.
Fixed Deposit Account
In Fixed Deposit Account, the amount can be deposited only once for a fixed time and on its completion, get matured, and amount with Interest get credited to linked saving accounts on request of customers. However, there is a provision Auto-Renewal said account another term if not requested by the customers to credit the amount with Interest to their linked savings account. Premature Withdrawal with a penalty or without penalty also allowed in this account. It is of very significant features because Customers can also avail Demand Loan or Overdraft Loan upto 90% of the value of Deposits.
Recurring Deposit
Like Fixed Deposit Account, it is also operated for a fixed period. Still, a certain fixed amount needs to be deposited every month till completion of a specified period. Before completion of a fixed period, withdrawals are not allowed. However, a bank may close the account after receipt of a written request from the customer before the maturity period (Premature Closure). Bank may also charge (closure Charge) for it. On regular deposit of an amount to this account and maturity, the total amount including interest will be credited to the linked saving account of the customers.
Basic Concepts of Banking – व्यक्ति की बैंकिंग आवश्यकताएं
(बैंक की कार्यप्रणाली)
व्यक्तियों और संस्थाओं के धन राशी विभिन्न बैंकों पर जमा करने और सुरक्षित रखने की प्रक्रिया, और फिर लाभ अर्जित करने के लिए उधारकर्ताओं को यह धन उधार में देना वास्तव में एक बैंक की व्यावसायिक गतिविधियां हैं। बाजार में बैंक की स्थापना लाभ कमाना है। व्यक्तियों, कंपनियों और सरकारी संस्था को विभिन्न बैंकों में अपना पैसा जमा करते है। इसके अलावा, बैंक उधारकर्ताओं को ऋण, ओवरड्राफ्ट इत्यादि के रूप में धनराशि भी प्रदान करता हैं। जब बचत के उद्देश्य से बचतकर्ता (व्यक्तियों और संस्थाओं) बैंकों में धन जमा करते है, तो इस जमा राशी पर अर्जित ब्याज एक लाभ के रूप में बचतकर्ताओं (व्यक्तिगत और निकाय) को अपने खाते पर बैंक द्वारा ही प्राप्त होता हैं।
दूसरी ओर देखा जाए, जब बैंक द्वारा ऋण, ओवरड्राफ्ट आदि के रूप में उधारकर्ता को धन प्रदान किया जाता है, तो उधारकर्ताओं को मूलधन और ब्याज के साथ बैंक को कुल राशी एक निर्धारित तय समय सीमा के अंदर वापस करना पड़ता है। हालांकि, उधारकर्ताओं द्वारा बैंक को दिया गया व्याज और बैंकों के द्वारा बचतकर्ताओं (व्यक्तियों और संस्थाओं) को दिए गए ब्याज के बीच एक बड़ा उल्लेखनीय अंतर है। उधारकर्ताओं द्वारा भुगतान किया गया ब्याज और बैंक द्वारा बचतकर्ताओं (व्यक्तियों और संस्थाओं) को दिए गए ब्याज से बहुत अधिक है। इस हिसाब से देखा जाए तो यह वह तरीका है जिससे बाजार में बैंक मुनाफा कमाते हैं।
बैंक के कार्यों को मोटे तौर पर दो समूहों में वर्गीकृत किया गया है
1) प्राथमिक कार्य
2) द्वितीयक कार्य
प्राथमिक कार्य
बैंक के प्राथमिक कार्य हैं-
बचत खाता, चालू खाता, Fixed Deposit Account (एसटीडीआर और टीडीआर), Recurring Deposit Account आदि जैसे खाते खोलने के माध्यम से जमा करने हेतु धनराशी को स्वीकार करना
तथा
कैश क्रेडिट, बैंक ओवरड्राफ्ट, ऋण, डिस्काउंटिंग बिल आदि के रूप में ऋण और अग्रिम अनुदान।
बैंकिंग की बुनियादी अवधारणाए
द्वितीयक कार्य हैं-
बैंक के द्वितीयक कार्य हैं
एजेंसी के कार्य जिसमें फंड ट्रांसफर, चेक कलेक्शन, आवधिक भुगतान / संग्रह, Portfolio Functions, Miscellaneous Function शामिल हैं
तथा
Utility Function जिसमें ड्राफ्ट, लेटर ऑफ क्रेडिट, Locker Facility, शेयरों की अंडरराइटिंग, डीलिंग फॉरेन एक्सचेंज, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, सोशल वेलफेयर प्रोग्राम जिसमे भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत सरकार के निर्देश भी शामिल हैं।
बचत खाता (Basic Concepts of Banking)
बचत खाता खोलने का मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों के बीच बचत की अच्छी आदतों को बढ़ावा देना है।
इसमें जमा होने वाली धन राशी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि निकासी पर कुछ नियम
और शर्ते बैंक द्वारा लागु हैं। बचत खाते पर ऋण सुविधा प्रदान नहीं की जाती है।
एक और विशेष प्रकार का बचत खाता होता हैं जिसे NO FRILL Account कहते हैं।
असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत किसी भी व्यक्ति के लिए NO FRILL Account शुरू किया गया है।
इस तरह के खाते पर कोई तरह के शुल्कों से छूट दी गई है लेकिन चेक बुक, क्रेडिट कार्ड आदि
जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। इसे FI Account के रूप में भी जाना जाता है
और KIOSK ऑपरेटर द्वारा संचालित देश भर में किसी भी आवंटित ग्राहक सेवा केंद्र (CSP) में खोला जा सकता है।
चालू खाता (Basic Concepts of Banking)
इस खाते पर जमा और निकासी से संबंधित लेनदेन की कोई सीमा तय नही की गई है। हालांकि, ऐसे खाते पर बैंक द्वारा Penalty चार्ज लगाया जाता है यदि न्यूनतम जमा राशि का रखरखाव नहीं किया जाता है। इसके अतिरिक्त, बैंक चालू खाते पर कोई ब्याज नहीं देता है और ऐसे खाते के लिए वार्षिक शुल्क लेता है। यह विशेष रूप से व्यावसायिक व्यक्ति के लिए बनाया गया है।
सावधि जमा खाता (Basic Concepts of Banking)
फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट में, धन राशि केवल एक निश्चित अवधि के लिए खोला जाता हैं
और उसके पूरा होने पर ही ग्राहकों के अनुरोध पर बचत खातों में व्याज सहित मूलधन जमा हो जाती है।
हालांकि, ग्राहकों द्वारा अनुरोध नहीं किए जाने पर उक्त खाते के स्वतः नवीनीकरण का प्रावधान है।
इस खाते में Penalty Charge या इसके बिना ही समयपूर्व निकासी की भी अनुमति है।
इस खाते की विशेषता यही हैं की ग्राहक डिमांड लोन या ओवरड्राफ्ट लोन का लाभ उठा सकते हैं, जो कि जमा राशि के मूल्य का 90% तक है।
आवर्ती जमा खाता (Basic Concepts of Banking)
फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट की तरह, यह भी एक निश्चित अवधि के लिए संचालित होता है।
लेकिन एक निश्चित राशि को मासिक आधार पर निश्चित अवधि के पूरा होने तक जमा करने की आवश्यकता होती है।
निश्चित अवधि पूरी होने से पहले, निकासी की अनुमति नहीं है। हालाँकि बैंक समयपूर्व ग्राहक से लिखित
अनुरोध प्राप्त होने के बाद खाता बंद कर सकता है। बैंक इसके लिए चार्ज (क्लोजर चार्ज) लगा सकता है।
इस खाते में नियमित रूप से राशि जमा करने और अवधि पूरा होने पर ब्याज सहित कुल राशि को उनके बचत खाते में जमा कर दिया जाता हैं।
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