Socialism VS Capitalism VS Communism (समाजवाद–पूँजीवाद–साम्यवाद)
Socialism VS Capitalism VS Communism शब्द आप लोगों ने बहुत बड़ा सुने होंगे 1 लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन का असल मतलब क्या होता है? इन अलग-अलग विचारधाराओं का हमारे देश और दुनिया पर क्या क्या असर पड़ता है? वैसे हम इन शब्दों को सुनते तो जरूर हैं लेकिन सच यह है कि हममें से ज्यादातर लोग इनके बारे में ठीक से नहीं जानते !
Socialism VS Capitalism VS Communism – Communism (साम्यवाद)
Communism यानी साम्यवाद एक ऐसी विचारधारा है जो एक ऐसे समाज को बनाती है जहां हर एक व्यक्ति अपनी योग्यता, क्षमता और Skill के हिसाब से काम करता है ! यानी अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से पूरी तरह Fit और ताकतवर है तो वह अपनी क्षमता के हिसाब से ज्यादा काम करेगा ! कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर है तो वह अपनी ताकत और योग्यता के हिसाब से कम काम करेगा ! इस काम के बदले में लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से भोजन, घर और कपड़े आज जरूरत की चीजें मिलेंगे !
आमतौर पर Communism हमें एक अच्छे समाज को बनाने का तरीका सिखाता है ! इसमें ना तो लोगों के बीच कोई वर्ग होती है और ना ही लोगों में किसी भी प्रकार की कोई ऊंच-नीच ! यानी कम्युनिज्म में सब लोग एक दूसरे के बराबर होते हैं ! उन्हें किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं होता है !
कम्युनिज्म एक ऐसे समाज का निर्माण करता है जिसमे उत्पादन के संसाधनों जैसे खेत, जमीन, फैक्ट्री और इंडस्ट्री की पूरी स्वामित्व सभी लोगों के पास होती है ! किसी भी चीज का मालिक कोई एक व्यक्ति या कोई एक खास ग्रुप नहीं हो सकता ! सभी चीजों के मालिक सभी लोग होते हैं ! आपको जानकर काफी हैरानी होगी कि कम्युनिज्म में सरकार राजा या शासक के लिए कोई जगह नहीं होता ! कम्युनिज्म के हिसाब से सिर्फ समाज के लोग हैं जो चलाने के लिए काफी होते हैं ! इसके अलावा कम्युनिज्म में कोई देश नहीं होता, कोई सरहद नहीं होता ! यहां तक कि कोई पैसा या करेंसी भी नहीं होती !
Socialism VS Capitalism VS Communism (समाजवाद-पूँजीवाद-साम्यवाद) [Continued………………………..]
आपको लग रहा होगा कि बिना पैसे या सरकार के कोई समाज भला कैसे चल सकता है ! लेकिन इस तरह के समाज ही communist कहलाते हैं ! जब भी कभी कम्युनिज्म की बात होती है तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम Karl Marx का आता है !
Karl Marx एक बेहद प्रसिद्ध जर्मन Philospher और अर्थशास्त्री थे ! आज दुनिया में उन्हें Father of Communism कहा जाता है ! उन्होंने ही दुनिया में सबसे पहले कम्युनिज्म की व्याख्या की थी ! 1848 में उन्होंने तक Communist Manifesto नाम की एक किताब लिखी थी ! इस किताब में उन्होंने बताया कि कैसे दुनिया को एक कम्युनिस्ट सोसायटी बनाया जा सकता है ! इससे लोगों को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं !
दरअसल Karl Marx ने जब यह किताब लिखा था उस समय दुनिया में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई थी ! कारखानों और फैक्ट्रियों में बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई जा रही थी ! मजदूरों से बहुत लंबे समय तक काम कराया जाता था उन दिनों फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की हालत हद से ज्यादा बुरी थी ! जबकि इन कारखानों के मालिक बड़ी शान से अपना जीवन जीते थे ! Karl Marx यही सब देखते हुए बड़े हुए थे और इसीलिए उन्होंने एक ऐसे समाज को बनाने के बारे में सोचा जहां अमीर गरीब जैसा कोई वर्ग ना हो ! सभी लोग एक दूसरे के बराबर हो ! उन्होंने अपनी इस ख्याली दुनिया को कम्युनिज्म का नाम दिया !
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Karl Marx के इस Communism को Marxism भी कहा जाता है ! वैसे Karl Marx ने कम्युनिज्म को एक्सप्लेन तो कर दिया था लेकिन उसको वास्तविकता में लागू नहीं कर पाए ! चाहे जो भी हो वह थे तो सिर्फ एक philospher ही ! सही मायनों में देखें तो कम्युनिज्म को दुनिया में पहली बार Soviet Union (USSR) के अंदर उनके नेता Vladimir Lenin के द्वारा लागू किया गया था ! Lenin ने Karl Marx के communism में अपने हिसाब से थोड़े बदलाव भी किए थे ! इसलिए लेनिन के कम्युनिज्म को आज Leninism कहा जाता है !
Lenin के बाद सत्ता में आए Joseph Stalin ! उन्होंने लेनिन के communism यानी Leninism में भी अपने हिसाब से कई बदलाव किए ! इस तरह Soviet Union (USSR) में जो communism लागू किया गया वह Karl Marx के कम्युनिज्म से काफी ज्यादा अलग हो गया !
Socialism VS Capitalism VS Communism – Capitalism (पूँजीवाद)
Capitalism यानि पूंजीवाद एक ऐसी विचारधारा है , एक ऐसा economic और Social Society है जो एक ऐसी समाज को बनाता है जहां उत्पादन के संसाधन जैसे खेत, जमीन, फैक्टरी पर इंडस्ट्री की पूरी स्वामित्व निजी हाथों में होता है ! Capitalism में इन चीजों की स्वामित्व किसी एक अकेले व्यक्ति या किसी एक निजी समूह के पास हो सकती है लेकिन सरकार के पास नहीं हो सकती ! इस व्यवस्था में लोगों को इस चीज की पूरी आजादी होती है कि व्यापार कैसे, कब और कितना करना है ! इस मामले में सरकार को दखल देने का कोई अधिकार नहीं होता है ! आमतौर पर Capitalism एक ऐसी विचारधारा है जिसमे निजीकरण को बढ़ावा दिया जाता है ! जिस व्यक्ति के पास जितना ज्यादा पैसा होता है उसको उतना ही ज्यादा लाभ होता है !
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Capitalism कहता है कि व्यापर के मामले में सरकार का कोई भी दखल नहीं होना चाहिए ! इस व्यापार में काम करने वाले मजदुर और श्रमिक को उनके अलग-अलग अहदों के हिसाब से अलग-अलग मजदूरी और वेतन दिया जाता है ! अब चाहे Business Owner को उसके बिजनेस से कितना ही मुनाफा क्यों ना हो लेकिन वह अपने Workers को एक Fixed Amount ही भुगतान करता है ! जो भी अतिरिक्त मुनाफा होता है वह सीधा Owner की जेब में जाता है ! जबकि Communism में कोई व्यक्ति किसी को भी काम के लिए वेतन नहीं देता बल्कि हर व्यक्ति हर एक चीज का खुद ही मालिक होता है ! अगर किसी व्यापार में अतिरिक्त मुनाफा होता है तो उसमें सभी लोगों का फायदा होता है !
Capitalism एक तरह की फ्री मार्केट होती है ! इसमें बिजनेस को लेकर competition काफी ज्यादा बढ़ जाता है ! दरअसल Capitalist Society में किसी भी व्यक्ति पर बिजनेस करने के लिए किसी तरह की रोक नहीं होती है ! बिजनेस के मामले में सरकार का कोई खास दखल नहीं होता है ! एक ही प्रोडक्ट को बहुत सारी कंपनियां बनाती हैं ! इससे कंपटीशन बढ़ता है और ऐसा होने पर लोगों को एक अच्छी गुणवत्ता का प्रोडक्ट सही कीमत पर मिलने के संभावनाए बढ़ जाते हैं !
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Capitalist Society में जिस भी व्यक्ति के पास जितना ज्यादा पैसा होता है उसे उतना ही ज्यादा मुनाफा कमाता है ! दूसरे शब्दों में कहें तो पैसे ही पैसे को बनाता है ! इसको किसी भी एक बड़ी कंपनी के उदाहरण से समझ सकते हैं जिसके Shares स्टॉक मार्केट के सूचि पर हो ! उदारहण के तौर पर Amazon कंपनी को लेते हैं ! हम सभी जानते हैं कि Amazon कंपनी के मालिक Jeff Bezos हैं ! अगर आप चाहें तो आज ही आप भी इस कंपनी के मालिक बन सकते हैं ! आपको करना सिर्फ इतना है कि स्टॉक मार्केट पर जाकर अमेजन के शेयर को खरीद लेना है ! कंपनी के जितने शेयर आप खरीदेंगे उतने ही हिस्से के मालिक बन जाएंगे ! अब अगर अमेजन मुनाफे में होता है तो आपको आपके खरीदे हुए शेयर के हिसाब से मुनाफे का कुछ हिस्सा दिया जाएगा !
जो व्यक्ति जितनी ज्यादा Shares का मालिक होगा कंपनी के मुनाफे में उसका हिस्सा उतना ही बढ़ जाएगा !
दुनिया का कोई भी व्यक्ति किसी भी कंपनी के मुनाफे का हिस्सेदार बन सकता है ! बस इसके लिए उसके पास कंपनी में निवेश करने के लिए पैसा होना चाहिए ! इसीलिए यह कहा जाता है कि Capitalism में पैसे ही पैसे को बनाता है ! इसी तरह की Capitalist दुनिया में आज हम लोग जी रहे हैं !
Socialism (समाजवाद)
समाजवाद यानी Socialism, Communism की तरह ही उत्पादन के सभी संसाधन जैसे खेत, जमीन, फैक्ट्री और इंडस्ट्री की पूरी स्वामित्व समाज के लोगों के ही पास होती है ! Socialism की शुरुआत 1830 से 1860 के दौरान हुई थी ! उसी समय दुनिया के बहुत से विद्वानों और विचारकों ने इसके बारे में लिखा था ! दरअसल Socialism एक ऐसे आदर्श समाज के बारे में है जिसके अंदर किसी भी तरह की कोई बुराई नहीं है ! इस तरह के आदर्श समाज को अंग्रेजी भाषा में Utopia कहा जाता है जो कि एक इंसान के मन में बनी हुई काल्पनिक दुनिया है !
Socialism की परिभाषा बहुत बड़ी है ! इसी के अंदर से communism भी निकला है ! Socialism की महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें उत्पादन के संसाधन से जो अंतिम उत्पाद निकल कर आता है उसको सभी लोगों में बराबर बांटा जाता है ! इसमें अमीर-गरीब उच्च-नीच, धर्म और जात के अनुसार कोई भी भेदभाव नहीं होता ! उदहारण के तौर पर, मान लीजिए एक Socialist सोसाइटी है जिसमें एक खेत के अंदर कोई फसल उगाई जाती है ! Socialism यह कहता है कि उस खेत से जो फसल निकलकर आएगी उसको उस खेत में काम करने वाले सभी लोगों में बराबर बांटा जाएगा ! जबकि कम्युनिज्म में लोगों को उनकी जरूरतों के हिसाब से चीजें जाती है !
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Capitalism में काम करने वाले लोगों को एक Fixed Payment दिया जाता है ! Socialism की सबसे महत्वपूर्ण बात यही है कि इसमें Distribution के बारे में भी बताया गया है !
दुनिया के अलग-अलग देशों में लोगों की भलाई के लिए जो कल्याण नीतियां आज बनाई जाती है वह Socialism के Distribution Basis पर ही बनाई जाती हैं ! Socialism यह कहता है कि समाज में हर एक व्यक्ति को एक समान अवसर मिलने चाहिए ! फिर चाहे वह व्यक्ति अमीर हो या गरीब, या फिर किसी भी वर्ग में क्यों ना हो ! लोगों के बीच किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए ! इसके लिए Denmark, Norway, Sweden, Finland और England जैसे देशों का उदाहरण लिया जा सकता है ! इन देशों में Socialist Policies का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है ! यही वजह है कि सुख, समृद्धि और खुशहाली के मामले में इन देशों का नाम दुनिया में सबसे ऊपर रहता है !