Stamp Paper देखने में एक साधारण कागज़ जैसा ही होता है लेकिन इस पर लिखा गया
जानकारी एक घोषणा के रूप में संग्रहित होता हैं जिसका सत्यापन कोर्ट या Notary द्वारा
होता हैं। किसी व्यक्ति द्वारा दिया गया बयान को स्टाम्प पेपर पर लिखने के पश्चात
क़ानूनी प्रावधानों के द्वारा सत्यापित किया जाता है। स्टाम्प पेपर पर प्रमुख रूप से
लिखा गया जानकारी जैसे जमीन की खरीदारी और बेचने को लेकर, संपत्ति का व्योरा,
बैंक से ऋण लेने पर, पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी, कोर्ट फीस, आदि होता है। इसके अलावा
बैंको द्वारा ग्राहक सेवा केंद्र की आवंटन, पेट्रोल पेट्रोल पंप आवंटन, कोर्ट से किसी
सजा यातना मुजरिम की जमानत हेतु पर भी स्टाम्प पेपर का इस्तेमाल होता हैं।
यह प्रचलन भारत में अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है।
Stamp Paper क्या होता है और यह कितने तरह के होते हैं?
स्टाम्प पेपर एक फुलस्केप पेपर की आकार में उपलब्ध होता है और इस पर
भारतीय रूपये के मूल्यों अंकित होता हैं। स्टाम्प पेपर भारत के जिस राज्य
पर भी जारी होता है उस राज्य का नाम भी अंकित होता हैं। भारतीय रूपये के
मूल्यों दस रूपये, बीस रूपये, पचास रूपये, सौ रूपये, पांच सौ रूपये आदि
पर सरकार द्वारा स्टाम्प पेपर जारी होता है।
आम तौर पर स्टाम्प पेपर दो श्रेणियों में उपलब्ध कराया गया हैं-
- Judicial Stamp Paper
- Non-Judicial Stamp Paper
Indian Stamp Act 1899 के तहत, स्टाम्प पेपर दो श्रेणियों में उपलब्ध कराया गया हैं-
- Impressed Stamp
- Adhesive Stamp
Judicial Stamp Paper
का इस्तेमाल कोर्ट में किया जाता है। कोर्ट में आवेदन दाखिल, याचिका दायर आदि जैसे कार्य को कोर्ट में Judicial स्टाम्प पेपर के द्वारा किया जाता हैं। इस पर जो कोर्ट फीस लगता है वह Judicial Stamp के रूप में भुगतान किया जाता हैं। Judicial स्टाम्प पेपर पर Stamp Duty की भुगतान Court Fees Act 1870 के अनुसार किया जाता हैं।
दस्तावेजों पर वर्णित जानकरी या घोषणा की क्रियान्वयन Non-Judicial Stamp Paper के द्वारा होता हैं। इसमें Power of Attorney, Sale Deed, Rent or Lease Agreement आदि शामिल हैं। Non-Judicial Stamp Paper पर Stamp Duty की भुगतान The Indian Stamp Act 1899 के अनुसार किया जाता हैं।
Stamp Paper Online
Government Printing Press के अधिकारी द्वारा स्टाम्प को पेपर पर अंकित या चिपका दिए जाने पर उसे Impressed Stamp कहते हैं।
Adhesive Stamp सिर्फ एक Stamp की तरह उपलब्ध होता है और यह किसी कागज पर चिपका हुआ नही होता हैं। Adhesive Stamp को दो श्रेणियों में बाटा गया है-
1) Postal Stamp
2) Non-Postal Stamp
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स्टाम्प पेपर पर वर्णित जानकारी एक घोषणापत्र या शपथ पत्र के रूप में प्रस्तुत होता हैं। इसे अधिकांश लोग AFFIDAVIT या हलकनामा के नाम से जानते है। इस AFFIDAVIT या हलकनामा को Notary या सरकारी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाता हैं और फिर इसे क़ानूनी रूप से वैध माना जाता है।
किसी गलत जानकारी को AFFIDAVIT या हलकनामा के माध्यम से सत्यापित करने पर सजा का प्रावधान भी हैं। इसके लिए कोई सारे Indian Panel Code (IPC) की धाराएं मौजूद है। AFFIDAVIT या हलकनामा के झूठा साबित होने पर कोई सालों तक कानूनी सलाखों के पीछे अपना जीवन बिताने का नौबत आ सकती हैं। इसीलिए AFFIDAVIT या हलकनामा पर सही जानकारी देकर अपन कार्य को निपटाएं।
Stamp Paper Near Me
स्टाम्प पेपर seems to be similar like a ordinary A4 Size Computer Paper, but the information written on it is stored in the form of a declaration which is verified by the Court or Notary or Administrative Government Officer in the rank of Magistrate. The statement made by a person is verified by legal provisions after writing it on a stamp paper.
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The information written on the स्टाम्प पेपर mainly deals with the purchase and sale of land or immovable properties, Affidavit regarding Liability & Assets during avail of loan from the bank, Power of Attorney, Court Fees, etc. Apart from this, Stamp Paper is also use by various Business Correspondents of respective Banks for allotment of Customer Service Point (CSP), for allotment of Petrol Pump, for Bail Bond of a convict. This practice has been in use since the British era in India.
What is stamp paper and what are the types?
स्टाम्प पेपर is available in the shape of a foolscap paper and it denotes Indian rupee values. The name of the state where स्टाम्प पेपर is issue in India is also mentione. स्टाम्प पेपर is issue by the government on the value of Indian Rupees of various denominations like Ten Rupees, Twenty Rupees, Fifty Rupees, Hundred Rupees, Five Hundred Rupees, etc.
Non Judicial Stamp Paper
Stamp Paper is generally made available in two categories
1) Judicial Stamp Paper
2) Non-Judicial Stamp Paper
Under the Indian Stamp Act 1899, Stamp Paper is made available in two categories –
1) Impressed Stamp
2) Adhesive Stamp
Judicial स्टाम्प पेपर is use in Court. Work like filing court applications, filing petitions etc. are done in the Court through Judicial स्टाम्प पेपर. The Court Fees levied on it are pay as Judicial Stamp. Stamp Duty on Judicial Stamp Paper is paid according to the Court Fees Act 1870.
The information or declaration describes on the documents is execute through Non-Judicial Stamp Paper. This includes Power of Attorney, Sale Deed, Rent or Lease Agreement etc. Stamp Duty on Non-Judicial स्टाम्प पेपर is pay according to The Indian Stamp Act 1899.
स्टाम्प पेपर past on paper by the concern officer of the Government Printing Press is call an Impresse Stamp.
Adhesive Stamp
Adhesive Stamp is available only as a stamp and is not past on any paper. The Adhesive Stamp is divide into two categories –
1) Postal Stamp
2) Non-Postal Stamp
The information described on the stamp paper is present in the form of a Affidavit. This AFFIDAVIT is verified by a Notary or Government Administrative Officer and then, it is legally consider as valid.
There are also provisions for punishment for verifying any wrong information through AFFIDAVIT. If AFFIDAVIT is prove to be false then as per Indian Panel Code (IPC), there are provisions of rigorous imprisonment. So, always mention correct information on AFFIDAVIT for settlement of any tasks related.