Implementation of Vehicle Scrappage Policy (VSP) in India
Vehicle Scrap Policy – साल २०२२ के मार्च महीने के बाद में अगर आपके पास कोई पुरानी गाड़ी होंगी तो उसे सड़कमार्ग पर इस्तेमाल करने के लिए आपको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा ! खासकर अगर आपके पास में कोई व्यावसायिक वाहन है तो वैसी पुरानी गाड़ी को रखने के लिए भारी कीमत आपको चुकानी पड़ सकती है ! यह सब कुछ होने वाला है Vehicle Scrappage Policy के कारण !
भारत में चलने वाली व्यावसायिक वाहन में से १५% वाहन साठ से सत्तर प्रतिशत प्रदुषण के लिए जिम्मेदार है ! यह उनके पुराने होने के कारण ही इतनी ज्यादा प्रदुषण फैला रहा है ! अगर निजी वाहन की बात करें तो साल २००० से पहले बनी हुई गाड़ियां आज पूरी सड़कमार्ग पर सिर्फ एक प्रतिशत योगदान देती है संख्या के हिसाब से ! लेकिन फिर भी यह एक प्रतिशत गाड़ियां १५% प्रदुषण के अंदर शामिल है अगर हम निजी वाहन की बात करें तो ! पुरानी गाड़ियां आज के टेक्नोलॉजी के हिसाब से और आज के मानक के हिसाब से बहुत ही ज्यादा प्रदुषण फैलाते है ! इस वजह से पर्यावरण पर काफी ज्यादा बुरा असर होता है ! इसके अलावा सुरक्षा मानकों, सड़कमार्ग पर कुछ गाड़ियों का प्रभाव, यह सारी चीजें भी गाड़ियां पुरानी होने की वजह से बुरा असर करती है !
देश को प्रदुषण तो कम करना ही है लेकिन इसके साथ साथ Automobile मार्केट को भी आगे बढ़ाना है, वैकल्पिक ईंधन की तरफ बढ़ना है और कई सारे ऐसी कदम सरकार को उठानी है ! इसलिए सरकार ऐसा कानून लाने वाली है जिससे पुरानी गाड़ियां सड़क पर रखना काफी ज्यादा महंगा हो जाएगा !
क्या है Vehicle Scrappage Policy?
Vehicle Scrap Policy – VSP का नाम सुनते ही कई लोगों को ऐसा लगता है कि पुरानी गाड़ियों को Scrap कर दिया जाएगा और पुरानी गाड़ियां चलाने के लिए इजाजत नहीं मिलेगी ! लेकिन ऐसा नही है, अगर आपके पास कोई बहुत पुरानी गाड़ी है जिससे अब किसी भी वजह से रखना चाहते हैं, उसे इस्तेमाल करते रहने चाहते हैं तो यह संभव तो होगा लेकिन इसके लिए भारी टैक्स चुकाना पड़ सकता है ! साथ ही, कुछ जगह पर भारी कीमत दूसरे तरीकों में भी चुकानी पड़ सकती है !
अभी के जानकारी के मुताबिक व्यावसायिक वाहन जो आठ साल से ज्यादा पुरानी है उन्हें आठ से पंद्रह प्रतिशत तक रोड टैक्स देना पड़ेगा रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल के दौरान और कुछ जगहों पर ग्रीन टैक्स भी देना पड़ेगा ! निजी वाहनों की बात करें तो, जो गाड़ियां पंद्रह साल से पुरानी हो गई है चाहे वह पेट्रोल हो या डीजल उन्हें भी ग्रीन टैक्स देना पड़ेगा ! इन टैक्स की दरें अलग अलग शहरों में अलग अलग हो सकता है ! जिन शहरों में ज्यादा प्रदुषण है वहां पर ज्यादा से ज्यादा टैक्स लागू किया जाएगा ! जबकि कुछ छोटे शहरों के अंदर यह टैक्स कम रखा जाने वाला है !
क्या है Vehicle Scrappage Policy? (Continued………)
अभी इस समय पर सरकार को उम्मीद यही है कि क्योंकि आपकी पुरानी गाडी आर्थिक रूप से अस्थिर हो जायेगी चलाने के लिए, रख रखाव के लिए तो उस समय पर आपका ध्यान नई गाड़ी खरीदते की और जाएगा ! इस समय आपको भी ज्यादा मुश्किल है ना हो और इसलिए पुरानी गाडी को सड़कमार्ग पर रखने के बजाय अगर स्क्रब करने का फैसला लेते हैं तो नई गाड़ी खरीदते समय चाहे वो रजिस्ट्रेशन हो, रोड टैक्स हो, उन पर डिस्काउंट दिया जाएगा ! इससे नई गाड़ी खरीदने के लिए भी आपको आर्थिक रूप से थोड़ा फायदा मिलेगा ! इस वजह से ज्यादा से ज्यादा लोग पुरानी गाड़ियां स्क्रैप करना शुरू कर देंगे !
केंद्र सरकार पहले ही फैसला कर चुकी है ! जितनी भी गाड़ियां वह इस्तेमाल करते हैं, अगर पंद्रह साल से ज्यादा पुरानी है तो नहीं चलाने वाली है ! यानी अनाधिकारिक रुप से केंद्र सरकार ने यह कानून खुद के ऊपर लागू कर दिया है ! ग्रीन टैक्स वगैरह संग्रहित करने के लिए एक अलग विभाग बनाया जाएगा ! यह विभाग वायु प्रदुषण को कम करने के लिए इन पैसों का इस्तेमाल करेगा ! नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के जरिए इन पैसों को प्रबंधन किया जा सकता है ! लेकिन इस जानकारी को लेकर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है !
इलेक्ट्रिक गाड़ियां, हाइब्रिड व्हीकल या फिर सीएनजी, एलपीजी वाहनों को शामिल नही किया गया है ! उन्हें बिना ग्रीन टैक्स दिए भी चलाया जा सकता है ! इसके अलावा ट्रैक्टर, टिलर्स, आदि इस तरीके से ख़ास वाहनों को भी इस दायरें से बाहर रखा गया है ! क्योंकि उनका बाज़ार वैसे भी बहुत छोटा है !
VSP के लागू होने से क्या फायदे होंगे?
Vehicle Scrap Policy – इससे महत्वपूर्ण स्तर पर प्रदुषण कम होगा वह भी ! दूसरी बात ऑटोमोबाइल मार्केट के अंदर मांग बढ़ेगी ! पंद्रह प्रतिशत व्यावसायिक वाहनों में से एक प्रतिशत निजी वाहन मार्केट में से अचानक से एक डेढ़ साल में कम हो जाते हैं तो ऑटोमोबाइल सेक्टर के अंदर एक बहुत बड़ी मांग आप आने वाले समय में देखने को मिल सकती हैं ! ऑटोमोबाइल सेक्टर किसी भी अर्थव्यवस्था के अंदर महत्वपूर्ण हिस्सेदार होता है ! इसी वजह से ज्यादा कंपटीशन, ज्यादा बेहतर गाड़ियां, ज्यादा Fuel Efficient चीजें देखने के लिए मिल सकती है ! इससे ठंडे पड़े हुए ऑटोमोबाइल सेक्टर को प्रोत्साहन मिलेगा ! अभी इसी ऑटोमोबाइल सेक्टर के अंदर सबसे ज्यादा फायदा इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों को मिलने वाला है !
इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर चलने वाली गाड़ी आने वाले कुछ समय में कम हो जाएगी ! इससे कच्चे तेल की आयात कम होंगे जिसकी वजह से हमारे FOREX रिजर्व्स को दूसरे कामों में लगा सकते हैं !
Vehicle Scrappage Policy की वर्तमान स्थिति क्या है?
Vehicle Scrap Policy – साल २०१९ में कह दिया गया था कि ऐसा कोई कानून लाया जाने वाला है ! इसके बाद, साल २०२० में NGT (National Green Tribunal) के दखल के बाद में आखिरकार सड़क और परिवहन मंत्रालय ने यह कह दिया था कि उन्होंने अपनी तरफ से यह पूरा संशोधन पारित कर दिया है ! यह केंद्र सरकार की पॉलिसी जहां पर टैक्स राज्य स्तर पर भी लगने वाले हैं ! इसीलिए राज्य सरकारों के पास अनुमोदन के लिए भेज दिया गया था ! यहां पर राज्य अपनी तरफ से कुछ बदलाव भी कर सकते हैं ! कुछ दूसरी और पहलुओं को भी जोड़ा जा सकता है जिस पर सरकार सोच विचार कर रही थी ! आख़िरकार आधिकारिक वयान जारी हो जाता है कि आने वाले समय में यह पालिसी किस तरह से लागू होगा !
आने वाले कुछ दिनों के अंदर ही सारा व्योरा जनता के सामने पेश कर दिया जाएगा ! कब लागू होगा? कौन सी और दूसरों नियमों को शामिल किए जाएंगे? क्या-क्या और छोटे-मोटे बदलाव देखने के लिए मिल सकते हैं आदि, यह कुछ दिनों में हमें देखने के लिए मिलेगी ! संभवत: मार्च २०२२ के बाद में पुरानी गाड़ियां रखना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाएगा !
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