Indian Digital Currency

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Indian Digital Currency – भारतीयों में पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला है ! भारत की डिजिटल मुद्रा को लेकर भी कयास लगातार बढ़ रहे हैं ! आखिर क्यों भारतीय सरकार और भारतीय अर्थव्यवस्था भारत की अपनी डिजिटल मुद्रा को लेकर उत्साहित है ! सरकार ने हाल ही में बजट सत्र के दौरान जब क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल The Crypto Currency And Regulation Of Official Digital Currency Bill 2021 पारित किया तो सरकारी संसद में कहा था कि इसका उद्देश्य रिजर्व बैंक द्वारा जारी होने वाले ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए सहायक framework तैयार करना है। इसके अतिरिक्त यह बिल भारत की सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित करता है ! हालांकि कुछ विशेष अपवादों को इसके अंतर्गत छूट मिलेगी जिससे क्रिप्टो करेंसी कि प्रयोग और तकनीकी विकास में मदद मिले !

पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो करेंसी को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला है ! दरअसल रिज़र्व बैंक केवल साधारण मुद्रा के मूल्य की Liquidity बड़ा या घटा कर उसे नियंत्रित कर सकते हैं ! क्योंकि मुद्रा पर सरकारी नियंत्रण काफी हद तक होता है। ऐसे में क्रिप्टो करेंसी बेहतर विकल्प बनकर आई है जो कि पुर्णतः सरकारी नियंत्रण से दूर होती है। क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की विकेंद्रीकृत मुद्रा व्यवस्था है जिसपर सरकार का नियंत्रण नहीं है। लेकिन देश को सचारू रूप से चलाने के लिए आर्थिक गतिविधियों पर सरकार का नियंत्रण होना जरूरी भी है। क्रिप्टो करेंसी सरकारी नियंत्रण में नहीं है यह सुनने में भले ही अच्छा लगे लेकिन आर्थिक गतिविधियों पर सरकार का नियंत्रण, उसकी निगरानी आवश्यक है। इसके बिना Taxation की जटिल प्रक्रिया को नही समझा जा सकता और प्रसाशन का रहना भी असंभव है।

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भारत में Digital Currency की बढ़ती संभावनाएं

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क्रिप्टो करेंसी का चलन तेजी से बढ़ रहा है ! इससे निकट भविष्य में इस पर प्रतिबंध लगाए रखना भी सही नहीं होगा ! बेहतर विकल्प यही है कि सरकार अपनी ही एक क्रिप्टो करेंसी निकाले ! इस वक्त ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का चलन जिस तेजी से बढ़ रहा है, क्रिप्टो करेंसी भविष्य का डॉलर बन सकती है ! संभावना काफी बढ़ गई है की वैश्विक स्तर पर और मुद्रा व्यवस्था में यह Dollar का भावी विकल्प बन जाए !  चीन ने इसे भांपते हुए पहले ही अपनी डिजिटल मुद्रा निकाल दी थी ! इस संदर्भ में चीन ने कहा था कि उनकी अपनी डिजिटल मुद्रा वर्तमान मुद्रा व्यवस्था में बदलाव के उद्देश्य से लाई गई है ! ऐसा करने से अमेरिका के प्रतिबंधों का डर खत्म हो जाएगा जो डॉलर आधारित वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में रहता है।

अब भारत के लिए भी यही सही होगा की इससे पूर्व की चीनी डिजिटल मुद्रा अपना एक ecosystem तैयार कर ले भारत भी इस क्षेत्र में आगे आए ! वैसे भी कोरोना ने दुनिया को  डिजिटल world के महत्व का परिचय करवा दिया है ! भारत का डिजिटलीकरण अब जिस अवस्था में है उसने भारत के लिए यह चुनौतीपूर्ण होगा !  अमेरिका और चीनी कंपनियां वैश्विक डिजिटल मुद्रा व्यवस्था पर कब्जा जमाने से पहले भारत को आगे आना ही होगा !

डॉलर बनाम डिजिटल Currency

करोना के बाद, अमेरिकी फेडरल बैंक अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए बड़ी संख्या में मुद्रा प्रवाहित कर रही है। मुद्रा की बढ़ती liquidity ने डॉलर की कीमत कम कर दी है और उसका अवमुलन हो रहा है। जब यूरोपियन यूनियन एकजुट हुआ और यूरो का चलन बढ़ने लगा तो उसे डॉलर की विकल्प के रूप में पेश किया गया। लेकिन यूरो डॉलर को वैश्विक मुद्रा व्यवस्था से हटा नहीं सका। यही कहानी 2008 की मंदी के बाद yuan (चीन की currency) के साथ हुई। इसे भी डॉलर का विकल्प माना जा रहा था किंतु yuan भी विकल्प नहीं बन सका !

यह दोनों उदाहरण बताते हैं कि वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में डॉलर की वर्चस्व को किसी भी अन्य पेपर करेंसी के जरिए नहीं बदला जा सकता ! किंतु डिजिटल करेंसी इस पूरे ढांचे को ही बदल देगी ! देखा जाए तो यह ऐसे क्रांतिकारी परिवर्तन को जन्म देगी जैसे इंटरनेट ने नब्बे के दशक के बाद किया था ! डिजिटल करेंसी डॉलर का विकल्प हो सकती है ! भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय डिजिटल मुद्रा ही इस परिवर्तन की वाहक बने !

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