Budget 2021 इंसान अपने परिवार की हर जरूरतों को पूरा करने के लिए मेहनत करता है। मेहनत से
कमाया हुआ धन का अधिकांश हिस्सा अपने घर संसार चलाने में खर्च करना पड़ता है।
आमदनी चाहे वेतन के रूप में मिले या व्यापार के जरिये मिले, हर महीने इसका
अधिकांश हिस्सा परिवार पर ही खर्च होता है। मासिक आमदनी और खर्चे का
विवरण सचारू रूप से तैयार करना पड़ता है। इससे धनराशि का इस्तेमाल
सही दिशा में होता है और फिजूल खर्च से भी बचा जाता है। आमदनी और
खर्चे की इसी विवरण को बजट (Budget) कहते है।
Uninon Budget 2021
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है जहां चुनाव के जरिये सरकार बनती है।
देश की जनता ही करता धर्ता है। जनता के द्वारा, जनता के लिए और जनता की ही
सरकार बनती है। सरकार के लिए पूरा देश की जनता ही उसका परिवार है।
जनता की हितों को ध्यान में रखकर और उनकी जरूरतों को पूरा करने के
लिए सरकार हर वर्ष बजट बनाती है और संसद में पेश करती है। इस बजट
पर पुरे साल की आमदनी और होने वाली खर्चे के बारे बताया जाता हैं।
आजाद भारत में पहला वित्त मंत्री RK Shanmukham Chetty ने
26 नवंबर 1947 को पहली बार बजट पेश किया गया था।
Budget शब्द की उत्पत्ति Latin शब्द Bulga से हुई जिसका मतलब Leather Bag
(चमड़े की थैली) होता हैं। उसके पश्चात French भाषा में यह शब्द Bougette
बना और फिर अंग्रेजी भाषा में Bogget बना। आखिर में अंग्रेजी भाषा के तहत
ही यह Budget बना और आज भी इसी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
Budget Union budget Letest
देश की आजादी के बाद बजट हर वर्ष 28 फरवरी शाम 5 बजे पेश किया जाता था
जो ब्रिटिश परंपरा के अनुरूप था। साल 2017 में पहली बार ब्रिटिश परंपरा से
हटकर बजट को पहला बार 1 फरवरी सुबह 11 बजे पेश किया गया था और
अब इसी समय के अनुसार हर वर्ष सरकार बजट पेश होती है।
1947 से लेकर 1949 तक बजट का वित्तीय विवरण पहले राष्ट्रपति भवन में प्रकाशित किया जाता था। हालांकि बजट से जुड़ी गोपनीयता को बरकरार रखने के लिए इसकी प्रकाशन दिल्ली की Minto Road पर स्थित Security Press में 1950 से लेकर 1979 तक होने लगा था। 1980 से बजट का प्रकाशन नई दिल्ली के North Block पर होने लगा। बजट का प्रकाशन Halwa Ceremony के बाद शुरू होता हैं। वित्त मंत्री के अलावा देश को प्रधान मंत्रियों ने भी संसद में बजट पेश किया था। पंडित जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी अपने प्रधान मंत्री के कार्यकाल में बजट पेश किया था।
1 फरवरी 2021 में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट करोना काल का पहला आम बजट है। करोना की वजह से इस बार बजट का प्रकाशन नही हुआ और पहली बार संसद में PAPERLESS BUDGET (Digital Budget) पेश किया गया है। बजट से पहले GST के तहत जनवरी महीने में 1.20 लाख करोड़ की कर संग्रह हुआ। यह अब तक का अधिकतम कर संग्रह है और देश के स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत भी है।
Union Budget 2021 पेश हो चूका है जिनका संक्षेप विवरण निम्नलिखित हैं:-
- 75 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले पेंशनधारकों को Income Tax Return फाइल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी बशर्ते आमदनी केवल पेंशन राशि और व्याज से होता हो।
- नौकरी पेशा लोगो के लिए Income Tax पर कोई छुट नही दी गई। पिछले साल की निर्धारित दरों पर ही इनकम टैक्स की भुगतान करना होगा।
- कोरोना के मद्देनजर और जनता की स्वास्थ्य के ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य बजट में 135% का इजाफा किया गया हैं।
- विकास को गति देने के लिए Road Infrastructure (Economic Corridor) से जुडी कोई राज्य को सरकार द्वारा वित्त्तीय सहायता दी जायेगी।
- गाड़ी, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुए आदि की खरीदारी अब पहले की तुलना में थोड़ा महंगा हो गया है।
- बैंक के डूबने के स्थिति में खाताधारकों की धनराशी पांच लाख रूपये तक सुरक्षित रहेगी। पहले यह राशी एक लाख हुआ करता था।
- रोसोई के बात करें तो पहले की तुलना में अब डाल और तेल महंगा हुआ है।
- कृषि और इंफ्रा सेस लागु होने से कई सामान महंगे हो जायेंगे।
- PF अकाउंट पर ढाई लाख से ज्यादा रकम जमा होने पर उससे अर्जित व्याज पर टैक्स लगेगा।
- देश में सौ नये सैनिक स्कूल खोले जायेंगे।
- निजी वाहन के बीस साल पुराने होने पर और व्यावसायिक गाड़ी पन्द्रह साल पुराने होने पर इसे तोड़ा या नष्ट किया जा सकता है।
- 74% FDI से बीमा सस्ता होने की संभावनाएं है और LIC के IPO जरिये सरकार के पास खर्च के लिए ज्याद धन प्राप्त होंगे।
- स्टार्टअप के लिए टैक्स में छुट ओर एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
- पहली बार जनता को अपनी पसंन्द की बिजली कंपनी चुनने का अधिकार प्राप्त हुआ है।
इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में रोजगार के अवसर को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार इसके लिए बिभिन्न परियोजनाओं को राष्ट्रस्तर पर लागु करेगी।
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