Differences between Government and Private Banks

Differences between Government and Private Banks  सरकारी और प्राइवेट बैंकों में अंतर

प्राइवेट सेक्टर बैंक (सरकारी बैंक) और पब्लिक सेक्टर बैंक (निजी बैंकों) में क्या अंतर होता है?

पब्लिक सेक्टर बैंक में Shares का ज्यादातर हिस्सा सरकार के पास रहता है जबकि प्राइवेट

सेक्टर बैंक में ज्यादातर हिस्सा बड़े Share Holders के पास रहता है। आमतौर पर

दोनों ही तरह के बैंकों में एक समान सेवाएं दी जाती है लेकिन दोनों के काम करने के

तौर-तरीके, उनकी गुणवत्ता और समय अवधि में बड़ा अंतर होता है।

यही वजह है कि इनके ब्याज दरों में भी थोड़ा बहुत अंतर दिख जाता है। ज्यादातर पब्लिक

सेक्टर बैंकों में सरकार के 50% से ज्यादा की हिस्सेदारी रहती है। उनके पास बैंक के 50%

से अधिक के Shares होते हैं जिससे उन बैंकों पर सरकार का पूरा नियंत्रण रहता है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक ऐसे ही दो बड़े बैंक है। इसके

अलावा बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक,, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया

आदि भारत में पब्लिक सेक्टर के लोकप्रिय सरकारी बैंक है।

Differences Between सरकारी बैंक और पब्लिक सेक्टर बैंक (निजी बैंकों) 

इसके विपरीत निजी क्षेत्र के बैंकों की कमान उनके Share Holders के हाथ में रहता है।

ऐसे बैंक किसी ना किसी निजी समूह के द्वारा ही संचालित किए जाते हैं। 1990  के दशक

से देश में निजी क्षेत्र के बैंकों में इजाफा हुआ है क्योंकि लाइसेंस की प्रक्रिया बेहद आसान

कर दी गई है। निजी बैंकों में सरकार का कोई Shares नहीं होता है बल्कि उनके पूरे

Shares प्राइवेट कंपनी के पास होते हैं जैसे कि एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई

बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, बंधन बैंक और इस तरह के सभी बैंक

निजी क्षेत्र के लोकप्रिय बैंक हैं।

Differences between Government and Private Banks in Hindi

अधिकतर निजी क्षेत्र के बैंक काम जल्दी निपटने में और अच्छी सेवाएं देने के मामले में सबसे आगे रहते हैं और इन्हीं बैंकिंग सुविधा के चलते ज्यादा शुल्क भी वसूल लेते हैं। पब्लिक सेक्टर के बैंकों में ग्राहकों का ख्याल तो रखा जाता है लेकिन कम सुविधा शुल्क पर ही उन्हें बेहतर सर्विस देने की कोशिश की जाती है। नौकरी के लिहाज से देखा जाए तो प्राइवेट और सरकारी बैंकों में भर्ती की प्रक्रियां में काफी अंतर होता है। सरकारी बैंक में प्राइवेट बैंकों की तुलना में भर्ती के अधिक अवसर होते हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक में भर्ती के लिए EXAM और INTERVIEW देना होता है जबकि प्राइवेट सेक्टर बैंक में CAMPUS SELECTION और WALK-IN-INTERVIEW के द्वारा भर्ती की जाती है। हालांकि जब Vacancy ज्यादा होती है तब अखबारों और इंटरनेट के द्वारा Open परीक्षा के द्वारा भी यह बैंक भर्ती शुरू करती है।

विलय किसे कहते हैं? भारत में बैंको की स्थापना और उनका विलय

प्राइवेट बैंकों में Reserved Category को छूट नहीं मिलती है जबकि सरकारी बैंकों में कुछ पदों के लिए Reserved Category के लिए सीट अरक्षित होती है या उनको कुछ स्पेशल छूट मिली होती है। सरकारी बैंकों के लिए वेतन और Promotion की Policy पहले से ही तय होती जबकि प्राइवेट बैंकों में कौशल और अनुभव के अनुसार वेतन दी जाती है। आमतौर पर Job Security की वजह से सरकारी बैंकों में Job को चुनना ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन कोई बड़ी गलती करने पर Job से निकाला भी जा सकता है। वहीं प्राइवेट बैंकों में Job जाने का खतरा ज्यादा रहता है।

फायदे की बात करें तो प्राइवेट बैंक की तुलना में सरकारी बैंकों में ज्यादा Offers मिलते हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक के कर्मचारियों को विभिन्न सुविधाएं जैसे कर्मचारी पेंशन योजना, कम ब्याज दर पर लोन, जमा पर ज्यादा ब्याज दर इत्यादि मिलती है। निजी बैंक अपने कर्मचारियों को नौकरी के हिस्से के रूप में ऐसे किसी भी लाभ की पेशकश नहीं करती है बल्कि प्रतिभाशाली कर्मचारियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर समय-समय पर पुरस्कृत करते रहते हैं।

Learn The Truth About Moratorium Period In The Next 60 Seconds हिन्दी

पब्लिक सेक्टर के बैंकों में अधिकतर खाता सरकारी कर्मचारियों का ही होता है क्योंकि इसी के जरिए उनकी वेतन उन्हें मिलता है। इस में Fixed Deposit, Locker की सुविधा आदि भी शामिल है। प्राइवेट सेक्टर के बैंकों का टारगेट निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी होते हैं जिनको उनके सैलरी के लिए बैंक अकाउंट के साथ क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग की भी सुविधा देते हैं। हालाँकि Digital India को बढ़ावा देने के लिए अब सभी तरह के बैंक यह सुविधा देने लगी है जैसे कि Net Banking, Mobile Banking, UPI (Unified Payment Interface), ATM आदि की सुविधा।

प्राइवेट सेक्टर बैंक (सरकारी बैंक) और पब्लिक सेक्टर बैंक (निजी बैंकों) भारत के केंद्रीय बैंक के रूप में कार्यरत भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) का ही अंग है जिसका मुख्यालय मुंबई में है। लगभग सभी बैंक इसी भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकार में आते हैं क्योंकि रुपए भी यही बैंक छापती है।

 

Leave a Comment