मकर संक्राति
Makar Sankranti सनातनी काल से चला आ रहा मकर संक्राति की महोत्सव का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है।
इस पर्व को मनाने के पीछे कोई सारे धार्मिक मान्यताए है। यह पर्व हर साल १४ जनवरी या १५ जनवरी को पुरे भारत
के साथ-साथ नेपाल में भी धूम धाम से मनाया जाता हैं। मान्यता के अनुसार इस दिन सर्दी का मौसम ख़त्म होता हैं
गरमी का मौसम शुरू होता हैं। । हमारा देश भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित हैं। संक्राति के पहले तक सूर्य दक्षिण
गोलार्ध में होता हैं और भारत से इसकी दुरी ज्यादा होता हैं। इस वजह से रात्रि बढ़ी और दिन छोटी होती हैं
जिससे कारण मौसम सर्दीनुमा रहता है। लेकिन मकर संक्राति के दिन से सूर्य दक्षिण गोलार्ध छोड़कर
उत्तरी गोलार्ध आने लगता हैं, इस वजह से रात्रि छोटी और दिन बढ़ी होने लगता हैं यानी गर्मी की शुरुवात होने लगता हैं।
Festivals Seasons in India and its importance
मकर संक्राति को गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण पर्व के रूप में मनाते है। तमिल नाडू और केरल में
इसे पोंगल तो आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इस पर्व को संक्राति कहा जाता हैं। इस दिन लोग खिचड़ी बनाते हैं
और बांटते हैं। महाराष्ट्र में इस दिन तील-गुड़ के लड्डू बनाई और खाई जाती हैं। मकर संक्राति के एक दिन
पहले पंजाब और हरयाणा में इसे लोहड़ी के रूप में मनाया जाता हैं।
भारतीय धारना के अनुसार मकर संक्राति के दिन दान, धर्म और पुण्य के लिए सबसे शुभ माना जाता हैं।
ऐसी मान्यताएं हे की मकर संक्राति के दिन से ही धरती पर अच्छे समय की शुरुवात होती है क्यूंकि इस
दिन सूरज जब उत्तर की और गमन करता हैं तो उसकी किरणों से सकारात्मक उर्जा का संचार होता हैं
जो मन को शांति प्रदान करने के साथ साथ सेहत को भी लाभ पहुचता है। यही भी धारना है की
इस दिन मनुष्य द्वारा किये गये दान, सौ गुना बढ़कर उनको वापस मिलता हैं।
Makar Sankranti Images
हमारे जितने भी धर्म और रीती रिवाज हैं उनका कोई न कोई वैज्ञानिक महत्व होता ही हैं।
मनुष्य जाने अंजाने में इनका अनुसरण करते है और अपने जीवन में खुशहाली भरते जाते हैं।
मकर संक्राति के दिन पतंग उड़ाने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक वजह, दोनों ही हैं।
पतंग को ख़ुशी, हर्ष, उल्लास और शुभसंकेत का वाहक माना जाना जाता हैं। मकर संक्राति
के दिन से अच्छे कार्य की शुभारंभ, पतंग की तरह सुंदर, निर्मल और उच्चकोटि के हो,
इसीलिए पतंग उड़ाया जाता हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो मकर संक्राति के
दिन सूर्य की किरणें ज्यादा प्रभावी और सकारात्मक उर्जा से भरी हुई होती है जो मनुष्य
के शरीर के रोगों को दूर करने में मदद करती हैं। इसके अलावा शरीर को भरपूर मात्र में विटामिन D भी मिलता हैं।
मकर संक्राति से जुड़ी और भी कोई सारे रोचक जानकारियाँ है जो हम समय समय पर देते रहेंगे। संक्षिप्त में जानकारी देने का मकसद यही हैं की हमारे देश की आने वाली भावी पीड़ी हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता का सही मतलब और महत्व को समझ पाए।
The celebration of Makar Sankranti festival since time immemorial has its own religious and scientific importance.
There are many religious beliefs behind celebrating this festival. This festival is celebrated every year either on
14 January or 15 January in whole of India as well as in Nepal. According to the belief, the winter season ends on
this day and the summer season begins. According to religious beliefs, on this day, the Sun enters the Capricorn.
Our country India is located in the Northern Hemisphere.
Before Sankranti, the Sun is in the South Hemisphere and so, it is far away from India.
Due to this, the night is longer & the days are shorter and accordingly weather remains cold.
But from the day of Makar Sankranti, the Sun leaves the Southern Hemisphere and starts coming
to the Northern Hemisphere, due to which the night starts getting shorter & the days get longer
and accordingly, this is just the beginning of arrival of summer season.
14 Jan Makar Sankranti
Makar Sankranti is celebrated as Uttarayan festival in Gujarat and Rajasthan.
In Tamil Nadu and Kerala it is called Pongal and in Andhra Pradesh and
Uttar Pradesh, this festival is called Sankranti. On this day, people make
and distribute khichdi. Til-jaggery ladoos are made and eatn on this day
in Maharashtra. A day before Makar Sankranti, it is celebrated as Lohri in
Punjab and Haryana. According to the Indian perception, the day of
Makar Sankranti is considere as the most auspicious for charity, religion and virtue.
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It is believe that from the day of Makar Sankranti, good times start on the earth
because on this day when the sun moves towards northern hemispheres of the earth,
it radiates positive energy which provide not only peace of mind but also beneficial
for out health as we obtain Vitamin D from it in plenty. This is also the belief that
on this day, donations made by human beings get back with hundred times of its value.
All our religions and customs have some scientific significance. Human beings follow them in an unknown or known way and live their life with happiness. Flying of kites is also seen on this Makar Sankranti. There are both religious and scientific reasons behind flying kites on the day of Makar Sankranti. Kites are considere to be the carriers of happiness, joy, and auspiciousness. In order to start good work from the day of Makar Sankranti as beautiful, pure and high-quality like a kite, the events of flying kites are organize.
From the scientific point of view, on the day of Makar Sankranti, the rays of the sun are more effective and full of positive energy, which helps in curing the diseases of human body.
There are many other interesting facts or information related to Makar Sankranti which we will provide from time to time. The purpose of giving brief information is that, future generations of our country should understand the true meaning and importance of our Indian culture and civilization.
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