National Stock Exchange in Hindi (NSE) and Bombay Stock Exchange (BSE)

National Stock Exchange in Hindi (Buy and Sell of Shares through Stock Exchange)

सब कुछ रूपये-पैसों की बलबूते पर तो नही होता है, लेकिन किसी भी इंसान

की जिन्दगी में इसकी महत्व को हमेशा से समझा गया है। हर इंसान की यही

तमन्ना रहता है की उनके किये गये कार्य से उन्हें सिर्फ और सिर्फ मुनाफा प्राप्त हो।

मुनाफा कमाने के लिए व्यापार को ही हमेशा से प्राथमिकता दी गई है। व्यापार से

सिर्फ मुनाफा या नुक्सान नही देखा जाता है, बल्कि आज की इस दौर में व्यापार

के माध्यम से एक इंसान दुसरे इंसान से अपना सामाजिक और इंसानियत का

रिश्ता भी जोड़ता है। व्यापार सिर्फ इंसानों के रिश्ते तक ही सिमित नही है

बल्कि आज पुरे विश्व में जितने भी राष्ट्र एक दुसरे से रिश्ते बना रहें है उनका

जरिया व्यापर ही है। राष्ट्रों के आपसी और अच्छे संबंध का कारण भी

व्यापार से ही जुड़ा हुआ है।

Tips To Follow For Stock Market Investment

जब बेचीं गई वस्तु की कीमत उसकी खरीदी गई कीमत से ज्यादा होता है

तो व्यापार में मुनाफा होता है। बेचीं गई वस्तु की कीमत उसकी खरीदी गई

कीमत से कम होता है तो व्यापार में नुक्सान होता है। शेयर मार्केट भी

इसी सिद्धांत का पालन करता है। यहाँ निवेशक शेयर्स खरीदते है और

फिर बेचते है। एक ऐसी जगह जहां शेयर्स की खरीद और बिक्री होती है

उसे स्टॉक एक्सचेंज कहते है। यह एक ऐसा स्थान है जहां निवेशक पैसा

कमाता भी है और गवांता भी है।

National Stock Exchange (NSE),

Bombay Stock Exchange (BSE), Kolkata Stock Exchange,

चेन्नई Stock Exchange, Jaipur Stock Exchange

आदि जैसे भारत में कोई सारे स्टॉक एक्सचेंज है जहां शेयर्स की

खरीद और बिकरी होती है।

National stock exchange in hindiBest Demat Account in India

NSE और BSE, भारत के दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज कंपनियां है जहा शेयर्स का व्यापार होता हैं। यह दोनों कंपनिया मुंबई में ही स्थित है। BSE एशिया महादीप का सबसे पुराना और पहला स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी स्थापना साल 1875 में प्रेमचंद जयचंद ने की थी। उस समय न तो कंप्यूटर हुआ करता था और न ही इन्टरनेट की सुविधा, जिसके कारण शेयर मार्केट की कारोबार काफी पेचीदा हुआ करता था। शेयर्स की खरीद और बिक्री होने में छह-छह महीने तक का लंबा समय लग जाता था। उस दौर में स्टॉक एक्सचेंज के नाम पर एक जगह हुआ करता था जहा सभी तरह के निवेशक इकट्ठा होकर शेयर्स की खरीद और बिक्री किया करते थे और इससे जुड़ी सारा लेखा जोखा कागजों में होता था।

वक्त बदला, कंप्यूटर और इन्टरनेट तकनीक के आने के पश्चात स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर्स की खरीद और बिक्री के कार्य प्रणाली में अभूतपूर्ण बदलाव हुआ। इसकी शुरुवात 1992 में NSE के स्थापना से हुई। अब कोई भी इच्छुक निवेशक घर बैठे ही शेयर्स की खरीद और बिक्री कर सकता है। अब पहले की तरह लेखा जोखा के लिए कागजों की जरुरत नहीं पड़ती है और कुछ ही मिनटों में शेयर्स की व्यापार पूरा हो जाता है। जिस प्रकार बैंको को RBI और बीमा कंपनियों को IRDA द्वारा मान्यता प्राप्त है ठीक उसी प्रकार NSE और BSE को भी SEBI (Security and Exchange Board of India) द्वारा मान्यता प्राप्त है।

BSE INDIA

आंकड़ो की माने तो BSE में 5000+ कंपनियां पंजीकृत है और NSE में 1600+ कंपनियां पंजीकृत है। दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी निवेशक इन्ही पंजीकृत कंपनियों का शेयर्स को खरीद और बिक्री कर सकता है।

शेयर्स मार्केट में निवेश जोखिम भरा होता है। इसमें आसानी से पैसे कमाए भी जाते है और गवाए भी जाते है। अगर पहली बार शेयर मार्केट पर निवेश कर रहें तो दो बातों का जरुर ध्यान रखें –

  1. अगर आर्थिक रूप से मजबूत हो, तो ही शेयर मार्केट पर निवेश करें ताकि नुक्सान होने की स्थिति अपने आप को संभाला जा सके और इससे अपने जिन्दगी में बुरा असर न पड़े।
  2. किसी भी निवेशक को शेयर मार्केट से जुड़ी हर छोटी-मोटी जानकारी एकत्रित कर सही तरह से समझ लेना चाहिए। पहली बार न्यूनतम राशि का निवेश करे ताकि नुक्सान होने पर सटीक विश्लेषण किया जा सके। इससे सही फैसला लेने  में सक्षम हो पायेंगे और उसी अनुसार अपना अगला कदम सही दिशा में बढ़ा पाएंगे।

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